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सोमवार, 11 फ़रवरी 2013

देशभक्ति

लघुकथाएँ - देश - अनवर सुहैल
देशभक्ति
भइया जी का ऐलान, ‘‘खाते यहाँ की, और गाते पाकिस्तान की...इन्हें पाकिस्तान खदेड़ देना चाहिए!’’
मैंने एतराज किया, ‘‘और ये जो इतने सारे मुसलमान कन्धे से कन्धा मिलाकर देश की उन्नति में जुटे हैं...उनके बारे में कुछ सोचा है?’’
‘‘मैं उनकी बात नहीं करता, किन्तु अधिकतर मुस्लिम पाकिस्तानपरस्त है, समझे....आई एस आई के एजेन्ट सब!’’
‘‘अच्छा तो भइया जी, ये तो बताइए कि देशभक्त मुसलमान कौन है?’’
‘‘काहे....शहीद अशफाक, कैप्टन हमीद, और कारगिल के शहीद कैप्टन हनीफ आदि भारतीय देशभक्त है ही....’’भइया जी ने सगर्व कहा।
मुझसे रहा न गया, ‘‘वाह भइया जी वाह! इसका मतलब ये कि देशभक्ति का सबूत देने के लिए तमाम भारतीय मुसलमानों को मरना होगा क्या?’’
भइया जी जवाब कहाँ सुनते हैं....वह तो बस ऐलान करते हैं!
शेष, 2001
लघुकथाएँ - देश - अनवर सुहैल
देशभक्ति
भइया जी का ऐलान, ‘‘खाते यहाँ की, और गाते पाकिस्तान की...इन्हें पाकिस्तान खदेड़ देना चाहिए!’’
मैंने एतराज किया, ‘‘और ये जो इतने सारे मुसलमान कन्धे से कन्धा मिलाकर देश की उन्नति में जुटे हैं...उनके बारे में कुछ सोचा है?’’
‘‘मैं उनकी बात नहीं करता, किन्तु अधिकतर मुस्लिम पाकिस्तानपरस्त है, समझे....आई एस आई के एजेन्ट सब!’’
‘‘अच्छा तो भइया जी, ये तो बताइए कि देशभक्त मुसलमान कौन है?’’
‘‘काहे....शहीद अशफाक, कैप्टन हमीद, और कारगिल के शहीद कैप्टन हनीफ आदि भारतीय देशभक्त है ही....’’भइया जी ने सगर्व कहा।
मुझसे रहा न गया, ‘‘वाह भइया जी वाह! इसका मतलब ये कि देशभक्ति का सबूत देने के लिए तमाम भारतीय मुसलमानों को मरना होगा क्या?’’
भइया जी जवाब कहाँ सुनते हैं....वह तो बस ऐलान करते हैं!
शेष, 2001

लघुकथा./ अनवर सुहैल/
भइया
जी का ऐलान, ‘‘खाते यहाँ की, और गाते पाकिस्तान की...इन्हें पाकिस्तान खदेड़ देना चाहिए!’’मैंने एतराज किया, ‘‘और ये जो इतने सारे मुसलमान कन्धे से कन्धा मिलाकर देश की उन्नति में जुटे हैं...उनके बारे में कुछ सोचा है?’’
‘‘
मैं उनकी बात नहीं करता, किन्तु अधिकतर मुस्लिम पाकिस्तानपरस्त है, समझे....आई एस आई के एजेन्ट सब!’’
‘‘
अच्छा तो भइया जी, ये तो बताइए कि देशभक्त मुसलमान कौन है?’’
‘‘
काहे....शहीद अशफाक, कैप्टन हमीद, और कारगिल के शहीद कैप्टन हनीफ आदि भारतीय देशभक्त है ही....’’भइया जी ने सगर्व कहा।
मुझसे रहा गया, ‘‘वाह भइया जी वाह! इसका मतलब ये कि देशभक्ति का सबूत देने के लिए तमाम भारतीय मुसलमानों को मरना होगा क्या?’’भइया जी जवाब कहाँ सुनते हैं....वह तो बस ऐलान करते हैं!शेष, 2001

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